Friday, 23 November 2018

अंदाज़ (1971)

ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना
यहाँ कल क्या हो किसने जाना
चाँद तारों से चलना है आगे
आसमानों से बढ़ना है आगे
पीछे रह जायेगा ये ज़माना
यहाँ कल क्या हो...
ज़िन्दगी एक सफ़र...
हँसते गाते जहाँ से गुज़र
दुनिया की तू परवाह ना कर
मुस्कुराते हुए दिन बिताना
यहाँ कल क्या हो...
ज़िन्दगी एक सफ़र...
#movie/Album: अंदाज़ (1971)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: आशा जी

No comments:

Post a Comment